गुरुवार सुबह हरियाणा के झज्जर में 4.4 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके दिल्ली-एनसीआर समेत आसपास के इलाकों में महसूस किए गए। हालांकि, अभी तक जान-माल के नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं है।
भूकंप का समय और स्थान
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, भूकंप सुबह 9:04 बजे हरियाणा के झज्जर में आया, जिसकी गहराई 10 किलोमीटर थी। इसके झटके दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद और फरीदाबाद के साथ-साथ राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए।
लोगों में दहशत, घरों से बाहर निकले लोग
भूकंप के झटकों ने लोगों को डरा दिया, कई लोग अपने घरों और ऑफिसों से बाहर भागे। सोशल मीडिया पर लोगों ने बताया कि झटके इतने तेज थे कि अलमारियाँ और दरवाजे खुल गए।
दिल्ली-एनसीआर में भूकंप का खतरा क्यों ज्यादा?
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने देश को चार जोन में बांटा है – जोन II (कम खतरा) से जोन V (अत्यधिक खतरनाक) तक। दिल्ली-एनसीआर जोन IV (उच्च खतरा) में आता है, यहाँ भूकंप आना कोई असामान्य बात नहीं है।
मुख्य कारण:
- दिल्ली में 3 एक्टिव फॉल्ट लाइन्स – सोहना, मथुरा और दिल्ली-मुरादाबाद फॉल्ट लाइन।
- हरियाणा में 7 फॉल्ट लाइन्स – जो भूकंपीय गतिविधि को बढ़ाती हैं।
- हिमालय की नजदीकी – हिमालय क्षेत्र भी उच्च सिस्मिक जोन में आता है, जिससे दिल्ली तक झटके पहुँचते हैं।
पिछले भूकंपों का रिकॉर्ड
17 फरवरी 2024 को दिल्ली के धौला कुआं में 4.0 तीव्रता का भूकंप आया था। NCS के आंकड़ों के अनुसार, 1993 से 2025 तक धौला कुआं के 50 किमी के दायरे में 446 भूकंप दर्ज किए गए हैं, जिनकी तीव्रता 1.1 से 4.6 के बीच रही है।
क्या करें भूकंप आने पर?
- तुरंत सुरक्षित स्थान (मेज के नीचे या खुले मैदान में) चले जाएँ।
- लिफ्ट का उपयोग न करें।
- बिजली और गैस सप्लाई बंद कर दें।
- अफवाहों से बचें और सही जानकारी के लिए अधिकृत स्रोतों पर भरोसा करें।